Song | : Dekha Ek Khwab Lyrics |
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Lyrics | : Javed Akhtar, Shiv Hari |
Artist | : Lata Mangeshkar |
Album | : Shilshila |
Lyrics |
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ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ आ हं हं हं हं हं हं हं हं हं हं देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए (ला ला ला ला) दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (हम्म हम्म) मेरी साँसों में बसी खुशबू तेरी ये तेरे प्यार की है जादूगरी आहा आहा आहा तेरी आवाज़ है हवाओं में प्यार का रंग है फिजाओं में धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए मेरा दिल है तेरी पनाहों में आ छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में तेरी तस्वीर है निगाहों में दूर तक रौशनी है राहों में कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (आ आ आ आ) ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए (देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए) दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) आ आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ आ आ ओ ओ ओ |
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